भाजपा ने वायनाड में राहुल गांधी के खिलाफ एक चुनौतीपूर्ण प्रतिष्ठान बनाने का निश्चित निर्णय लिया है। पिछले चुनाव में भी वायनाड से कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बड़ा अंतर से जीत हासिल की थी, लेकिन भाजपा इस बार इस सीट पर मजबूती से प्रतिस्थापित होने की कोशिश कर रही है। उनकी रणनीति में सुरेंद्रन को प्रस्तुत करना शामिल है, जिन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा की उम्मीदवार के रूप में तय किया है।
भाजपा केरल में बढ़ती राजनीतिक प्रतिस्था
केरल में भाजपा की राजनीतिक प्रतिष्ठा में भी बढ़ोतरी हो रही है। सुरेंद्रन केरल विधानसभा चुनावों में भी सक्रिय रहे हैं और उन्होंने मजेश्वरम और पथानामथिट्टा सीटों पर भाजपा के लिए अच्छा प्रदर्शन किया। इससे साफ है कि भाजपा ने केरल में अपनी गतिशीलता को बढ़ाने का निश्चित निर्णय लिया है।
वायनाड लोकसभा सीट पर भाजपा की उम्मीदवार की उपस्थिति से स्पष्ट है कि यह चुनाव राहुल गांधी के लिए पिछले बार की तरह आसान नहीं होगा। भाजपा की रणनीति में वायनाड को एक महत्वपूर्ण राजनीतिक उत्तरदायित्व बनाने का प्रयास दिखाई दे रहा है।
2019 के चुनाव में कांग्रेस का जीता बड़ा अंतर
चुनाव में राहुल गांधी ने प्राप्त किए थे 4.31 लाख वोट, भाजपा का मकसद वायनाड में अच्छा प्रदर्शन
भाजपा प्रत्याशी ने कहा, “वायनाड के लोग ज़रूर पूछेंगे कि दो वरिष्ठ नेता एक ही चुनाव क्षेत्र में एक-दूसरे के खिलाफ क्यों लड़ रहे हैं।”
पार्टी | उम्मीदवार | वोटों का अंश (%) |
कांग्रेस | राहुल गांधी | 64.64% |
एलडीएफ | डी राजा की पत्नी | 25.13% |
बीजेपी | सुरेंद्रन | – |